Hindi Shayari Tamasha Meri Aankho Ka

ये रोज-रोज का क्या तमाशा लगा रखा है 'मेरी आँखों ने' न जी भरके रोतीं हैं न रातों को सोतीं हैं
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Sad Shayari Mere Halat Pe Hansne Wale

मुझे बेचैन करने वाले ज़माने भर के सुकून पाए। खिले रहें उनके चेहरे कभी गम की धूप न सताए। मनाये गए जश्न मेरे आंसुओं पर, ...
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