Festivals Shayari-Ye Tyohar Bhi Na

गुजरते लम्हें मुझपे हंस के जाते है! तनहा हूँ मैं बार-बार दौहराते है ! किसी सूल की तरह चुभते हैं बीते लम्हें, "ये त्यौहार भी न"...
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Eid Shayari- Kisse Milu Eid

जाति-धर्म में बट गयी इंसानियत ये कैसा मंज़र नज़र आता है! सच्चे रिश्तों का वो चमन बंज़र नज़र आता है ! रंजिशों के रह गए हैं त्यौहार आज-कल, किस...
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