Ai Doobte December - December Shayari

ऐ डूबते दिसम्बर ज़रा इत्मिनान बरत,
नये साल से पहले कोई मिलना चाहता है मुझसे।
दिसम्बर बीतने से पहले कोई मिलना चाहता है मुझसे।
ऐ डूबते दिसम्बर ज़रा इत्मिनान बरत,
कोई मिलना चाहता है मुझसे,
तू जो गुजरा तो एक वादा टूट जायेगा।
इस साल का दामन जैसे छूट जायेगा।
ऐ डूबते दिसम्बर ज़रा इत्मिनान बरत,
नये साल से पहले कोई मिलना चाहता है मुझसे।
दिसम्बर बीतने से पहले कोई मिलना चाहता है मुझसे।
कोई मिलना चाहता है मुझसे,
वो बेवफा इक बार मिलना चाहता हैं मुझसे ? 
December pe likhi ek aur shayari ➽ Bewafa December 
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3 comments

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Anonymous
admin
22/12/16 9:37 pm ×

Nice lines,,,,

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2/1/17 9:35 pm ×

अच्छी पंक्तियाँ है ...

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Dev Kumar
admin
3/1/17 10:56 am ×

आप यहाँ आये इसके लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया।
आपसे एक गुजारिश है आप जब भी मेरे ब्लॉग पर आये कृपया करके मेरी लेखनी में होने वाली कमियों से मुझे रूबरू कराये ताकि मैं भी बेहतर लेखन कर सकूं।
शुक्रिया

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जब आये लब पे तो दुआ कीजिए ।
हमारे लिए भी चंद अल्फाज अपनी जुबां कीजिए ।

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अगर आपको मेरी लिखी कोई भी रचना पसंद आयी हो तो इस पेज को फॉलो करें और मेरी लेखनी को समर्थन देकर मुझे आगे लिखने के लिए प्रोत्साहित करें।
शुक्रिया,,,,,

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