Zakhmi Dil Shayari भरता ही नहीं ये जख्म मिला कैसा है

भरता ही नहीं ये जख्म मिला कैसा है, मौहब्बत में मिला ये सिला कैसा है, पल-पल सताती है उस बेवफा की याद, थमता ही नहीं ये सिलसिला कैसा है, ...
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